माचलपुर में महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर 3 दिवसीय भव्य मेले का आयोजन
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माचलपुर में महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर 3 दिवसीय भव्य मेले का आयोजन
मां पार्वती की नगरी माचलपुर मैं महाशिवरात्रि का पावन पर्व पर तीन दिवसीय महोत्सव को मेले के रूप में धूमधाम से हर्षोल्लास से मना या जावेगा
महाशिवरात्रि का पावन पर्व नगर माचलपुर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा इस अवसर पर बागा बडली स्थित बागेश्वर महादेव मंदिर शिव पार्वती विवाह स्थल (सातफेरे)पर नगर परिषद के द्वारा तीन दिवसीय विशाल मेले का आयोजन भी किया जा रहा है इसके लिए नगर परिषद एवं हिंदू उत्सव समिति द्वारा व्यापक तैयारियां की गई है मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्र सिंह एवं कर्मचारी तैयारियों में जुटे हुए हैं इसके लिए गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से लेकर बागेश्वर महादेवमंदिर मेला स्थल तक व्यापक रंगीन रोशनी से सजाया गया है एवं भरपूर प्रकाश की व्यापक व्यवस्था की गई है इस पावन पर्व को लेकर नगर वासियों में भी भारी उत्साह देखा जा रहा है एवं शिव भक्तों मैं भी काफी उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है बिलेश्वर महादेव मंदिर पर भी व्यापक तैयारियां की जा रही है नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती गीता बाई मालवीय मुख्य नगरपालिका अधिकारी भूपेंद्र सिंह मेला नोडल अधिकारी गोविंद सिंह एवं पार्षद पवन राठौर ने बताया कि 18 फरवरी को भोलेनाथ की शाही सवारी नगर में निकलेगी एवं रात्रि में भजन संध्या का आयोजन होगा एवं 19 फरवरी को भी भजन संध्या का आयोजन होगा तथा 20 फरवरी को आयोजित होगा भव्य कवि सम्मेलन जिसमें ख्याति प्राप्त कविगण आएंगे
गौरतलब है कि प्राचीन काल में नगर माचलपुर का नाम हिमाचल पुर था लेकिन धीरे-धीरे ही शब्दहट गया और इसनगर का नाम माचलपुर हो गया
ऐसी मान्यता है कि यह नगरी अति प्राचीन नगरी है एवं मां पार्वती की नगरी के नाम से जानी जाती है ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव बारात लेकर इस नगर में आए और मां पार्वती से विवाहहुआ है यहां पर आए बारात में देवताओं सही भूत प्रेत जहरीले जानवर बिच्छू वगैरह सभी आए जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर उतारा गया देवताओं को देवरा बल्ड़ी नामक पहाड़ी पर भूत प्रेतों को भूतिया बे नामक स्थान पर एवं दूसरे जहरीलेजानवरों को भी बिच्छू बल्डी पर उतारा गया ऐसा बताया जाता है कि बाघा बड़ी परमाता पार्वती एवं भगवान शिव जी का विवाह हुआ जिस स्थान पर विवाह हुआ वहां पर आज भी सात फेरे बने हुए हैं इसके साथ ही वहां पर बागेश्वर महादेव का विशाल मंदिर भी बन गया है बाघा बलडी के नीचे ही बड़ा तालाब है जहां पर इस विवाह मैं चावल धोए गए थे इसलिए इस तालाब का पानी आज भी 12 महीने चावल के मांड के रंग जैसा ही रहता है इसके साथ ही यहां अति प्राचीन स्वयंभू गुप्तेश्वर महादेव का विशाल मंदिर है बताया जाता है कि यह 12 लिंगों का उपलिग है ऐसा बताया जाता है कि यहा पर नगर के जागीरदार मण्डलोई परिवार का खेत में जहां पर हल से खेतजोताजा रहा था एक जगह पर हल अटक गया बेल रुक गए रात को जागीरदार साहब को स्वप्न में भोलेनाथ आये और उन्हें बताया गया कि मैं महादेव हूं मेरा मंदिर बनाओ जमीदार साहब के द्वारा बड़ा तालाब की पाल पर छतरी बनाई गई फिर उस स्थान को खुदवा कर मूर्तिको निकालने की कोशिश की गई परंतु कितना ही गहरा खोदने पर भी सफलता नहीं मिली फिर रात्रि को स्वप्न में भगवान महादेव जी ने बताया कि मैं यहीं पर रहूंगा मेरा मंदिर यहीं पर बनाओ तब वहीं पर स्वयंभू गुप्तेश्वर महादेव का मंदिर बनाया गया एवं तालाब के किनारे वाले बनाए मंदिर पर भी महादेव जी की प्रतिमा विराजित की गई जिसे बिलेश्वर महादेव मंदिर का नाम दिया गया क्योंकि यहां पर बिल पत्र के अनेकों वृक्ष थे आज भी नगर माचलपुर में दूरदराज से श्रद्धालु भक्तगण स्वयंभू गुप्तेश्वर महादेव मंदिर बागेश्वर महादेव मंदिर पर दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आते हैं इसके साथ ही प्राचीन काल में नगर में 52 ताल तलैया मौजूद थी तथा दार्शनिक स्थलों में चनिहारीपनिहारी नामक स्तूप एवं चोर बावड़ी नामक विशाल बावड़ी नगर में है जिनको भी देखने के लिए दूरदराज से लोग आते रहते हैं
पुरातन हिममाचलपुर नगर जो आज माचलपुर के नाम से जाना जाता जहाँ महाशिवरात्रि महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा बताया जाता है कि इस रमणीक पहाड़ी बाघाबल्डी पर भगवान शिव का वास है जहाँ आज भी अनेको चमत्कारी घटनायें होती रहती है इस भव्य स्थान पर महाशिवरात्रि तीन दिवसीय मेले का आयोजन नगर परिषद माचलपुर द्वारा किया जा रहा है जिसकी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है
राजगढ़ के माचलपुर से ब्यूरो हेड बीएस मंडलोई की रिपोर्ट
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